हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ईरान की इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से अब तक मराजयें तक्लीद के चुनाव से संबंधित बयानात, नज़रियात और सवालात((मराजयीत और इंतेखाबात)) के मौज़ू पर मुख्तलिफ नंबर पर नकल किया जाएगा, इस वक्त चुनाव के मुतालिक आयतुल्लाहिल उज़्मा मकारीम शीराज़ी के दिए गए एक बयान को नकल किया जा रहा है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा मकारीम ने 2साल पहले मस्जिदे आज़म (कुम) में आपने फ़िक के दर्से खरिज में चुनाव से संबंधित बात करते हुए कहा: कि इनमें से कुछ समस्याएं बहुत परेशानी वाली हैं, इसलिए यदि हम चुनाव के बारे में कुछ कहते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि हमने आंखें बंद कर रखी है,
बल्कि हम यह कह रहे हैं कि चुनाव के बारे में इंसान की अकल हकीम होनी चाहिए या तो हमें मुश्किलात के मुकाबले में सर खम करना पड़ेगा, या हमें मजबूत होना पड़ेगा और अपनी आज़ादी के साथ ही अपनी समस्या पर काबू पाना होगा।
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9 اپریل 2021 - 11:33
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हौज़ा / शिया मराजयें तक्लीद नें अपने एक पैंगाम में कहा कि, "चुनाव के बारे में कुछ कहते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि हमने आंखें बंद कर रखी है बल्कि हम यह कह रहे हैं कि चुनाव के बारे में इंसान की अकल हकीम होनी चाहिए या तो हमें मुश्किलात के मुकाबले में सर खम करना पड़ेगा, या हमें मजबूत होना पड़ेगा और अपनी आज़ादी के साथ ही अपनी समस्या पर काबू पाना होगा।