शोक सभा
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हर घर में फातिमा ज़हरा (स) की सीरत पहुचाना हमारी ज़िम्मेदारी हैः मौलाना सैयद ज़मीरुल हसन
हौज़ा / फातिमा ज़हरा की सीरत के प्रभाव दुनिया के हर कोने में हर घर में प्रसारित किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि ज़हरा की सीरत हर घर मे पहुचाना हमारी जिम्मेदारी है ताकि हर घर मे जहरा की सीरत की सुगंध पहुँच जाए।
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तंज़ीमुल मकातिब में क़ुरान ख़ानी और शोक सभा का आयोजन
हौज़ा / महान विद्वान, रहस्यवादी, न्यायविद और और दार्शनिक आयतुल्लाह अल्लामा हसनज़ादेह आमुली (र.अ.), शोधकर्ता, लेखक, अनुवादक, और मुबल्लिग़ हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद तिलमीज़ हसनैन रिज़वी और मौलाना नाज़िम हुसैन आबदी ग़ाज़ीपुरी साहब मरहूम के स्वर्गवास पर बानी ए तंज़ीमुल मकातिब हॉल मे क़ुरान ख़ानी और शोक सभा का आयोजन हुआ।
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मौलाना बेदार हुसैन का निधन इल्मी दुनिया के लिए बड़ी क्षति, मौलाना सैयद कल्बे जवाद नक़वी
हौज़ा/ हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना बेदार हुसैन के स्वर्गवास पर मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के कार्यालय में शोक सभा आयोजित की गई।
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मदरसा बाबुल इल्म मुबारकपुर में आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद मुहम्मद सईद अल-हकीम ताबे सराह की याद में शोक सभा
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम मौलाना मजाहिर हुसैन मोहम्मदी मदरसा बाबुल इल्म मुबारक पुर के प्रधानाचार्य ने कहा: ज़ईमे होज़ात इल्मिया आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद मोहम्मद सईद तबातबाई अल हकीम की की इल्म परवरी, कौमी हमदर्दी और इंसानियत एक कदीम आला इल्मी और दीनी अल हकीम परिवार की सुनहरी तारीख की मजबूत कड़ी है। अफसोस यह आफताबे शरीयत, विकास और मार्गदर्शन का ताज, धर्म और ईमानदारी, मुजस्समा ए सदाकत कब्र के कोने में छुप गई, न्यायशास्त्र और अधिकार का सबसे मजबूत स्तंभ ढह गया।
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हर युग में धर्म और मानवता की रक्षा के लिए विद्वानों ने निर्देश दिया है, मौलाना सैय्यद रज़ी जैदी
हौज़ा / मदरसा इस्लामी विद्वानों का गढ़ है और राष्ट्र के लिए एक अमूल्य सितारा है। उनका सम्मान हम सभी पर अनिवार्य है। विद्वान एक महान व्यक्तित्व है जो शैतान के शासन की कमर तोड़कर उसके उद्देश्यो को राख कर देता है।
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तन्जीमुल-मकतिब केसचिवः
अली (अ.स.) की सरकार में कोई भी भूखा नहीं सोता था, मौलाना सैयद सफी हैदर जैदी
हौज़ा / तन्जीमुल-मकतिब केसचिव ने कहा कि ब्रह्मांड में केवल अली की सरकार थी जिसमें कोई भी भूखा नहीं सोता था। इंशााल्लाह इमामे जमाना (अ.त.फ.श.) के जहूर के बाद जब सरकार बनेगी तो वहा भी यही अंदाज़ होगा।
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हौज़ा-ए-इल्मिया नजफ़ अशरफ़ मे छाया शोक, आयतुल्लाह सैयद रज़ी मरअशी का स्वर्गवास
हौज़ा / हौज़ा-ए-इल्मिया नजफ़ अशरफ़ के प्रमुख धार्मिक विद्वान और धार्मिक स्कालर आयतुल्लाह सैयद रज़ी मरअशी का निधन हो गया है।
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सैयद हसन नसरुल्ला ने इस्लामी क्रांति के नेता का आभार व्यक्त किया
हौज़ा / हिजबुल्ला-ए लेबनान के महासचिव ने शेख अहमद अल-ज़ैन के निधन पर सहानुभूति व्यक्त करने के लिए इस्लामी क्रांति के नेता का धन्यवाद करते हुए एक संदेश जारी किया है।
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माता-पिता का उचित पालन-पोषण ही बच्चों को नरक से बचाएगा: हुज्जतुल-इस्लाम सैयद नसीमुल-हसन रिज़वी
हौज़ा / आखरी ज़माने के लिए विशेष रूप से आइम्मा-ए-अतहार (अ.स.) ने बच्चों के पालन-पोषण पर जोर दिया। यदि माता-पिता अपने बच्चो को अच्छा पालन-पोषण नही करेंगे तो बच्चे नरक की ओर चले जाएंगे, आखरी जमाने के बच्चो के लिए नरक की एक घाटी है जो सख्त सजाओ के लिए है। इसलिए, यदि आप अपने बच्चों को नर्क के इन दण्डों से बचाना चाहते हैं, तो अहलेबैत (अ.स.) के पदचिन्हो पर चलते हुए अपने बच्चों का पालन-पोषण करें ताकि हमारे बच्चे दुनिया और आखिरत दोनो मे सफल हो जाएं।
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आयतुल्लाहिल उज़मा वहीद ख़ुरासानी की उपस्थिति में हज़रत ज़ैनब कुबरा (स.अ.) की शोक सभा
हौज़ा / हज़रत ज़ैनब कुबरा (स.अ.) की वफ़ात के अवसर पर, हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा वहीद ख़ुरासानी की मौजूदगी में उनके घर शोक सभा का आयोजन हुआ।
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:मासिक पत्रिका जाफरी ऑब्जर्वर मुंबई के संपादक
शहीदो का खून व्यर्थ नही जाता, बल्कि क़ौम का ज़ामिन "गारंटर" हैः मौलाना मुहम्मद ज़की हसन नूरी
हौज़ा / मासिक पत्रिका जाफरी ऑब्जर्वर मुंबई के संपादक ने अपने संबोधन में कहा कि औपनिवेशिक और अहंकारी शक्तियां हमेशा उलेमा-ए-हक से घृणा करती रही हैं और इस्लाम और शिया धर्म को मिटाने के लिए अहले बैत (अ.स.) के प्रचारकों और रक्षकों के सर काटती रही हैं। लेकिन उन्हे इस बात की खबर नही है कि शहीदों का खून व्यर्थ नहीं जाता बल्कि राष्ट्रों को पुनर्जीवित करता है और उनके अस्तित्व का गारंटर बनता है।
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इमामे जुमा लखनऊः
अगर बड़े इमामबाड़ा मे मजलिस को प्रतिबंधित किया जाता है, तो पर्यटकों को भी आने की अनुमति नहीं दी जाएगी: मौलाना कलबे जवाद नक़वी
इमामे जुमा लखनऊ ने कहा, "मुहर्रम में जब हमने बड़े इमामबाड़े मे मजलिसे आयोजित करने की घोषणा की थी, तो उसी समय प्रशासन ने कहा था कि हम अभी भी जांच कर रहे हैं कि बड़ा इमामबाड़ा एक धार्मिक स्थल है या नहीं! उनका बयान इंडियन एक्सप्रेस में प्रमुखता से प्रकाशित हुआ था। कुछ मौलवी प्रशासन के समर्थन में कह रहे थे कि प्रशासन द्वारा ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया था, यह सब झूठ है। लेकिन आज यह साबित हो गया है कि प्रशासन इमामबाडे की धार्मिक स्थिति को मान्यता नहीं देता है। पुलिस चार्ज शीट मे मेरा नाम है मौलाना रज़ा हुसैन साहब, मौलाना हबीब हैदर साहब, मौलाना फिरोज हुसैन साहब और अन्य शामिल हैं। यह प्रशासन की मंशा साबित करता है। ये हमारे इमामबाड़े पर क़ब्ज़ा करके इसे पर्यटक स्थल बनाना चाहते है"।