हरमे इमाम रज़ा (अ.स.)
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:दिन कि हदीस
मुसलमानों और मोमिनो के लिए इमामत और रहबरी का फल
हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में मुसलमानों और मोमिनो के लिए इमामत के फल की ओर इशारा किया हैं।
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हरमें इमामें रज़ा अ.स.में नमाज़े ईदुल फितर बड़े ही अकीदत के साथ अदा की गई/फोंटों
हौज़ा/हज़रत इमाम अली रजा अ.स. के नूरानी दरगाह में नमाज़े ईदुल फितर आयतुल्लाह सैय्यद अहमद ईल्मुलहुदा के नेतृत्व में अदा की गई
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:दिन कि हदीस
क्यों रोज़े फितर ईद हैं?
हौज़ा/ हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में रोज़े फितर ईद होने की वजह की ओर इशारा किया हैं।
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मशहदे मुकद्दस में शहीद हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन इस्लानी के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया/फोंटों
हौज़ा/ शहीद हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मोहम्मद इस्लानी जिन्हें हरमे हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम में एक आतंकवादी ने चाकू से हमला करके शहीद कर दिया था उनकी अंतिम यात्रा में लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और रोती हुई आंखों से अंतिम विदाई दी
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हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़ाये मुबारक में कुरआन खवानी और मजलिसे तरहीम का आयोजन/फोंटों
हौज़ा/रौज़ाये इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम में पेशावर की जामा मस्जिद में आत्मघाती हमले में शहीद हुए शोहदा की याद में कुरआन खवानी और मजलिसे तरहीम का आयोजन किया गया,
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बीमारी एक इलाही नेमात "ईश्वरीय आशीर्वाद" है, हुज्जतुल इस्लाम मोमिनी
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया के शिक्षक ने यह बताते हुए कि खुद को गरीब दिखाना शैतान का एक हथियार और वसवसा है, हमें सभी परिस्थितियों में अल्लाह तआला पर अच्छा विश्वास रखना चाहिए, बीमार व्यक्ति मुस्तजाबुद्दावा (जिसकी दुआ कबूल होती है) है, अगर बीमारी और पीड़ा आती है तो वास्तव में, यह एक ईश्वरीय आशीर्वाद है और अल्लाह सर्वशक्तिमान मनुष्य को यह रोग और दुख देता है ताकि मनुष्य चौकस हो सके और दुआ कर सके और उसकी दुआओं का उत्तर दिया जा सके।
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एक पाकिस्तानी तीर्थयात्री जो किताबें समर्पित करने और दान करने का राजदूत बन गया
हौज़ा / मोहम्मद पाकिस्तानी जो खुद भी किताबे दान और समर्पित करते हैं और बहुत से पाकिस्तानियों को इमामे रज़ा (अ.स.) को अस्ताने कुद्से रिज़वी के लिए किताबें दान और समर्पित करने के लिए अपने साथ मिला रहे हैं।
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इमाम रज़ा (अ.स.) के हरम में 150 अफगान शरणार्थी जोड़ों का सामूहिक विवाह
हौज़ा / हजरत इमाम अली रज़ा (अ.स.) की दरगाह से संबद्ध एक कल्याणकारी संगठन करामते रिज़वी फाउंडेशन के महिला और परिवार मामलों के विभाग के सहयोग से पवित्र मशहद के बाहरी इलाके में रहने वाले प्रवासियों के लिए दूसरी बार सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शीर्षक "रिज़वी लाइफस्टाइल" था और इसमें नवविवाहितों ने भाग लिया था।
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दिन की हदीसः
महिलाओं के पांच बेहतरीन गुण
हौज़ा / इमाम रज़ा (अ.स.) ने एक रिवायत में अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) से सुनाए गए महिलाओं के पांच सबसे अच्छे गुणों की ओर इशारा किया है।
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गुर्दे के दर्द से निजात के लिए इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम का नुस्खा
हौज़ा/ हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में मेंदे के दर्द से निजात के लिए इस तरीके की ओर इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
अशूर के दिन गिरया और ग़मो अनदोह का अज्र
हौज़ा / इमाम रज़ा (अ) ने एक रिवायत में मुहर्रम के महीने में आशूरा के दिन रोने और ग़मो अनदोह का अज्र बताया है।
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हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम की सबसे बड़ी फज़ीलत
हौज़ा/एक दिन मामून ने इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम से कहा: मेरे लिए हज़रत अली अलैहिस्सलाम की ऐसी फज़ीलत बयान करें कि किस का ज़िक्र कुरान मज़ीद में भी हो तो इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने फरमाया: वह फज़ीलत की जो कुरान मजीद में मौजूद है वह आयेह मुबाहिला मैं बयान हुई है जिसमें अल्लाह ने इरशाद फरमाया है: " فَمَنْ حَاجَّکَ فِیهِ....
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हजरत जवादुल आइम्मा की शहादत पर काले रंग में ढका हरम ए इमाम रज़ा
हौज़ा / हज़रत इमाम मुहम्मद तकी (अ.स.) की शहादत के अवसर पर इमाम रज़ा (अ.स.) की दरगाह के दरवाजे और दीवारें काले रंग से ढकी हुई हैं।
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:दिन की हदीस
जहन्नम की आग से निजात का परवाना
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह (स.ल.व.व)ने एक रिवायत में हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम कि अज़मत की ओर इशारा किए हैं।
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रोज़े दहवुलल अर्ज़ के फज़ाइल और आमाल
हौज़ा/दहवुल अर्ज़ 25 ज़िलकायेदा का दिन हैं। यह वह दिन है जब अल्लाह ने काबा के नीचे पानी के ऊपर पृथ्वी को फैलाया। इस दिन रोज़ा रखना और ग़ुस्ल करना मुस्तहब है, ख़ासकर रोज़ा जिसका सवाब 60 साल की इबादत के बराबर है।
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इमाम रज़ा (अ.स.) की दरगाह पर जाकर मेरे टूटे हुए दिल को शांति मिल गई, बोस्नियाई तीर्थयात्री
हौज़ा / एक बोस्नियाई तीर्थयात्री जो शोक और टूटे हुए दिल के साथ इमाम अली रज़ा (एएस) के पास इस उम्मीद के साथ आया था कि वह अभयारण्य के पानी से अपने दिल के घावों और दुखों को धो देगा। आज कई सालों के बाद अपने से निराशा को दूर करते हुए हिमायत की उम्मीद के लिए इमाम रजा के पास जाकर मुशर्रफ बनी हैं।
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इमाम रज़ा (अ.स.) की इल्मी और अमली सीरत पर एक नज़र, मैलाना सैयद रज़ी
हौज़ा / इमाम रज़ा लोगो से बहुत ही एंकिसरी के साथ पेश आते थे जबकि आप अपनी उमर के एक हिस्सा मै वाली अहदी के मुकाम पर फायेज थे (अ) इस के बावजूद लोगों के साथ बहुत विनम्रता के साथ व्यवहार करते थे।
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आबे ज़म-ज़म शिफ़ा है और इमाम रज़ा के चश्मे का पानी भी शिफ़ा है, मौलाना अबुल क़ासिम रिज़वी
हौज़ा / नेशापुर खुरासान का मक्का है। मक्का में आबे ज़म-ज़म का चश्मा है और मक़ामे इब्राहिम है। इसी तरह, नेशापुर में इमाम रज़ा का चश्मा है, जिसे इमाम ने जारी किया था खुद इमाम का क़दमे मुबारक भी है। यह आपके कदमों की निशानी है जो पत्थर पर दिखाई देती है, आबे ज़म-ज़म शिफ़ा है और इमाम रज़ा के चश्मे का पानी भी शिफ़ा है।
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:दिन की हदीस
मुसलमान की खुसूसियात इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की नज़र में
हौज़ा/ हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में मुसलमान की खुसूसियात की ओर इशारा किए हैं।
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:दिन की हदीस
मधुमक्खी की तरह काम करें।
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में हर ईल्म में से सर्वश्रेष्ठ को चुनने पर ज़ोर दिया है।
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इमाम रज़ा (अ.स.) का रोज़ा, सादिके आले-मुहम्मद की शहादत के दिन सियाह पोश
हौज़ा / इमाम रज़ा (अ.स.) की पवित्र दरगाह को इमाम जाफ़र सादिक (अ.स.) की शहादत के अवसर पर सियाह पोश हो गया है।
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इमाम रज़ा (अ.स.) के हरम मे कब्र से सबसे नजदीक, ज़ियारत के लिए दारुल हुज्जा हॉल में नई जाली का अनावरण
हौज़ा / ईद-उल-फितर के मौके पर हजरत इमाम अली रजा (अ.स.) के हरम के दारुल हुज्जा हॉल में ज़ियारत के लिए एक नई जाली का अनावरण किया गया।
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मकतबे अली के अनुयायी ज़ायोनी अत्याचारों पर चुप नहीं रह सकते: अहमद मारवी
हौज़ा / अस्तानो क़ुद्स रिज़वी के ट्रस्टी ने कहा कि जायोनी शासन की आक्रामकता और फिलिस्तीनियों के उत्पीड़न पर मकतबे अली के अनुयायी कभी भी चुप नहीं रह सकते।
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हज़रत इमाम रज़ा (अ.स.) के हरम में आमाले शबे कद्र और शबे ज़रबत की अज़ादारी
हौज़ा/ माहे मुबारके रमज़ान कि शबे19 यानी पहली शबे कद्र के आमाल हजरत इमाम रज़ाअलैहिस्सलाम के हरम में यस और प्लीज की मुकम्मल पासदारी के साथ इंतिहाइ रूहानी माहौल में अंजाम दिए गए
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हरमे इमाम रज़ा (अ.स.) के खुद्दाम के हाथो जरूरतमंदों को राहत पैकेट का वितरण
हौज़ा / इमाम अली रज़ा (अ.स.) के धर्मस्थल द्वारा जरूरतमंदों के बीच 888,000 राहत पैकेटों के वितरण के लिए “मेहरबानी का दस्तरख्वान” कार्यक्रम का चौथा चरण हरम के खुद्दाम की शिरकत के साथ पूरे ईरान में शुरू हुआ।
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इमाम रज़ा (अ.स.) के हरम के खुद्दाम के माध्यम से जरूरतमंदों के बीच राहत सामग्री का वितरण
हौज़ा / हरमे इमाम रज़ा (अ.स.) के अमाकिन मुताबर्रेका के प्रमुख के अनुसार, पवित्र शहर मशहद और खोरासन रिज़वी प्रांत में जरूरतमंदों के बीच एक लाख तीस हजार से अधिक राहत पैकेट वितरित किए गए।
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इमामत और विलायत की रक्षा करना ज़ैनब-ए- कुबरा (स.अ.) का विशेष और महत्वपूर्ण मिशन था, हुज्जतुल-इस्लाम अली रज़ा पनाहियान
हौज़ा / खतीबे हरम इमाम रज़ा (अ.स.) ने कहा कि विलायत और इमामत की रक्षा करना ज़ैनब-ए- कुबरा (स.अ.) का विशेष और महत्वपूर्ण मिशन था।