हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने अख़तियारी वतन से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं। जो लोग शरई अहकाम में दिलचस्पी रखते हैं, हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ प्रस्तुत कर रहे है।
सवाल: एक,दो महीने के लिए मैंने दूसरे शहर में रहने का इरादा किया, फिर मैने उस जगह को वतन के तौर पर अख्तियार करने का इरादा किया, क्या मैं अभी से जबकि उस शहर में अस्थाई रूप से नहीं रह रहा हूं 10 दिन से कम मुद्दत वाले सफर में वहां नमाज़ पूरी पढ़ सकता हूं?
उत्तर: आप जब तक ज़िंदगी गुज़ारने के उद्देश्य से वहां रहने नहीं लगते उस वक्त तक नमाज़ कसर होगी।